गीता प्रेस की स्थापना 1923 में गीता को जन मानस तक पहुचाने के उद्देश्य से हुयी थी। गीता प्रेस गोबिन्द भवन कार्यालय की एक ईकाई है।
भगवत्कृपा से कल्याण का प्रकाशन ईस्वी सन 1926 से लगातार हो रहा है। इस पत्रिका के आद्य संपादक नित्यलीलालीन भाईजी श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार थे। कल्याण के प्रथम अंक में प्रकाशित संपादकीय वक्तव्य पठन सामग्री में उधृत है।
आध्यात्मिक जगत में कल्याण के विशेषांकों का संग्रहणीय साहित्य के रूप में प्रतिष्ठित स्थान है। प्रतिवर्ष जनवरी माह में साधकों के लिये उपयोगी किसी आध्यात्मिक विषय पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित होता है। शेष ग्यारह महीनों में प्रतिमाह पत्रिका प्रकाशित होती है।
अब तक प्रकाशित विशेषांकों की सूची बाँयी ओर अंकित लिंक पर क्लिक कर के देखी जा सकती है। इनमें से अधिकांश विशेषांकों को पाठको की मांग को देखते हुये पुस्तक रूप में पुनर्मुद्रित किया गया है जिसे गीता प्रेस की पुस्तक दुकानों से प्राप्त किया जा सकता है। गीता प्रेस की पुस्तक दुकानों की सूची पते सहित बाँयी ओर अंकित लिंक पर क्लिक कर के देखी जा सकती है।
कल्याण साल की एक साल की पत्रिका (विशेषांक सहित) https://gitapressbookshop.in/kalyan-2023-visheshank-daivisampada-ank से मंगा सकते है।
भगवत्कृपा से गीता प्रेस का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है। गीता प्रेस में किसी प्रकार का अनुदान (डोनेशन) नही लिया जाता है।
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